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Showing posts from February, 2025

JAAT: तीन दिनों में कैसा रहा सनी देओल की नई फिल्म जाट का प्रदर्शन।

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  नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपके अपने ब्लॉग रीड मी भारत में , तो दोस्तो आज का ये लेख संबंधित है तीन दिन पहले रिलीज हुई अभिनेता सनी देओल की जाट मूवी से जो एक एक्शन थ्रिलर फिल्म है।यह फिल्म अपनी दमदार स्टोरी और स्टारकास्ट के दम पर लगातार सुर्खियों में बनी हुई है।सोशल मीडिया पर भी फिल्म का क्रेज बढ़ता जा रहा है थिएटरों से फिल्म देखकर निकलने वाले सभी दर्शक फिल्म को पॉजिटिव रिव्यू दे रहे है फिल्म देखकर दर्शक खुशी से झूम उठे हैं क्योंकि गदर 2 के बाद अभिनेता सनी देओल ने फिल्म जाट से धमाल मचा दिया है।फिल्म ने अपने पहले दिन भारत में 9.50 करोड़ का कलेक्शन किया दूसरे दिन 7 करोड़ रुपए का तथा तीसरे दिन फिल्म ने 10 करोड़ का कलेक्शन किया वही फिल्म अपने चौथे दिन  13 से 15 करोड़ रुपए का कलेक्शन कर सकती है। फिल्म का नाम भले ही जाट हो लेकिन यह फिल्म किसी भी प्रकार से जातिवाद पर आधारित नहीं है फिल्म की स्टोरी बहुत ही दमदार है जो निश्चित ही आपको पसंद आयेगी अन्याय पर न्याय की विजय को दर्शाती हुई यह एक बेहतरीन फिल्म है सभी लोगों को बिना किसी संकोच के फिल्म जाट को देखना चाहिए इसके अलावा फिल्म को परिवा...

संपूर्ण विश्व में अपना साम्राज्य स्थापित करने वाले अंग्रेजों को आखिर क्यों भारत में एक मिट्टी के दुर्ग के आगे घुटने टेकने पड़े।

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  नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है आपके अपने ब्लॉग रीड मी भारत में,तो मेरे प्यारे दोस्तों आज के इस ब्लॉग के अंदर हम चर्चा करेंगे भारत के एक ऐसे दुर्ग की जिसे आज तक कोई भी शत्रु सेना जीत नहीं सकी एक ऐसा दुर्ग जिसपर मुगलों मराठों तथा अंग्रेजों द्वारा अनेकों बार आक्रमण किए गए लेकिन इस दुर्ग को जीत नहीं पाए तो चलिए चलते है और जानते है कि आखिर यह कौनसा दुर्ग था ।   लोहागढ़ दुर्ग                 भरतपुर स्थित लोहागढ़ का अजेय दुर्ग लोहागढ़ का दुर्ग राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित है इस दुर्ग का निर्माण जाटों का अफलातून कहे जाने वाले जाट शासक महाराजा सूरजमल ने करवाया था। महाराजा सूरजमल एक महान योद्धा होने के साथ साथ महान कूटनीतिज्ञ तथा रणनीतिज्ञ भी थे उन्होंने अपनी दूरदर्शी सोच एवं बुद्धिमानी के बल पर एक ऐसे अभेद्य दुर्ग का निर्माण करवाया था जो इतिहास में एक अजेय दुर्ग के नाम से जाना गया यह एक ऐसा दुर्ग था जिसने मुगलों तथा अंग्रेजों को नाकों चने चबवा दिए थे संपूर्ण विश्व में अपना साम्राज्य स्थापित करने वाले अंग्रेजों एवम् उनकी सेना ने भ...

कोहिनूर हीरे के बारे में कुछ ऐसे तथ्य जिन्हें आप नहीं जानते होंगे।

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  नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है गुरुदत्त सिंह और आज में आपके लिए लाया हु एक बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक जो कि संबंधित है दुनिया के सबसे प्रसिद्ध रत्न कोहिनूर हीरे से। यदि आपको यह लेख पसंद आए तो कमेंट में अपनी राय जरूर रखें। तो चलिए चलते हैं और कोहिनूर हीरे के अनजाने तथ्यों के बारे में जानते हैं। कोहिनूर: एक श्रापित हीरा कोहिनूर दुनिया के सबसे प्रसिद्ध हीरों में से एक है। यह भारत के आंध्र प्रदेश राज्य के गोलकुंडा खदानों में पाया गया था। कोहिनूर का अर्थ है "प्रकाश का पर्वत"। यह नाम इसकी सुंदरता और चमक के कारण दिया गया था। कोहिनूर का इतिहास सदियों पुराना है। ऐसा माना जाता है कि यह हीरा 13वीं शताब्दी में खोजा गया था। इसके बाद, यह कई हाथों से होता हुआ अंततः 1849 में ब्रिटिश साम्राज्य के कब्जे में आ गया। कोहिनूर को एक श्रापित हीरा माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी इसे अपने पास रखता है, उसके साथ कुछ न कुछ बुरा होता रहता है। इस श्राप के कारण, कोहिनूर को कभी भी किसी राजा या रानी ने नहीं पहना। कोहिनूर वर्तमान में ब्रिटिश शाही परिवार के पास है। यह लंदन के टॉवर में प्रदर्शित है। कोहिनूर ...